घेरने लगीं हैं जिम्मेदारियां तुम्हें,न चाहते हुए भी बदलने लगे हो
सुनो तुम फिर से पहले जैसे हो जाओ ना
मेरे कुछ घंटों का इंतजार दिनों से हफ्तों और महीनों में बदला है
ये बरसों में बदले उस से पहले आ जाओ ना
माना मेरा कोई हक नहीं है तुम पर, ना ही मैं तुम्हारी जिम्मेदारी हूँ
पर दूरियों में छुपे मेरे इंतजार के पल तो दे जाओ ना
तुम भले किसी और के हो, पर मैं अब भी तुम्हारी हूं
मुझ पर अपना थोड़ा हक तो जताओ ना
तुम्हारी जिम्मेदारियों की दुनियां में अपना वज़ूद कहां ढूंढू
बस वहां मुझे अपनी जगह तो बताओ ना
थोड़ा जल्दी करो मेरी जान,
कहीं अकेलापन प्यारा न हो जाए
उस से पहले ही आ कर मेरे हो जाओ ना।
सुनो, तुम फिर से पहले जैसे हो जाओ ना...!!
- Aarya🖋️