Tuesday, 28 October 2025

एक शिकायत

 

क्या शिकायतें की जाएं, क्या ही शिकवा किया जाए

मजबूर है महोब्बत में कि ये जहर का घूंट पीया जाए।

तड़प तो उसे भी उतनी ही है दिल में , 

पर कोई ये बताए कि 

अपनी जगह किसी और को देख कैसे जीया जाए।।

अपनी रूह को कैसे किसी और के नाम किया जाए 

लगता है अब अपने आप पर थोड़ा काम किया जाए।

बदलाव ले भी आए सीरत में एक पल को शायद,

मगर उस मासूम का दिल कैसे गुमनाम किया जाए।।


-Aarya🖋️

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