Friday, 27 March 2020

देखो क्या आराम है।।

देखो क्या आराम है,
जीने का क्या नाम है।
बिना ज़रूरत के आया है,
रोका सारा काम है।।

उठना, पीना, खाना, सोना,
चार यही तो काम है।
नींद भी अब शर्माए हमसे,
देखो क्या आराम है।।

जब जरूरत थी इसकी,
एक बार भी मिल ना पाया।
बिन बुलाए मेहमान के जैसे,
भर भर के झोली आया।

कोई यार से मिल ना पाए,
कहीं गर्लफ्रंड छोड़ कर जाए।
लाठी पहलवान घूम रहे,
अब तो नानी भी याद ना आए।।


देने वाला जब भी देता,
देता छप्पर फाड़ कर।
आराम का छप्पर फूट रहा,
भगवान तू कुछ तो काम कर।।

Sunday, 22 March 2020

कोरोना क्या जीतेगा।।

खुशहाल थी दुनिया,
खुशहाल था ये देश।
आ गया कोरोना,
पार कर के विदेश।।

खुश थे हम परवाने थे,
अपने देश में दीवाने थे।
फैल गया ये बेरहम,
जिससे हम अनजाने थे।।

छाया लोगो पर इसका साया,
किसी पर इस ने तरस ना खाया।
कभी सर्दी, कभी ज़ुखाम,
कभी बन के बदन दर्द सताया।।

पर एक बात इसने ना जानी,
गलत जगह आने की ठानी।
हम है इस देश के लोग,
जिसकी नारी भी है मर्दानी।।

आओ हम सब साथ करे,
घर में रहे और काम करे।
स्वच्छ बने और साफ रहे,
नित नित हम व्यायाम करे।।

एक सावधानी से हमारी,
इसका हर निशान मिटेगा।
दुश्मन जीत ना पाया हमसे,
ये कोरोना क्या जीतेगा।।




Thursday, 12 March 2020

इंतज़ार

तेरा हर रोज़ इंतज़ार है,
तुझसे ज़िन्दगी गुलज़ार है।
आशिक़ नहीं है ये मेरा,
ये मेरे ख्वाबों की बहार है।।

ऐसा है एक देखा सपना,
नया जहां हो मेरा अपना।
मेरी अपनी ही सरकार है
इस ख्वाब का इंतज़ार है।।

होगा सपना सच एक दिन,
दिन तो हम भी रहे है गिन।
फिर भी मन बेकरार है,
बस उस दिन का ही इंतजार है।।


Sunday, 8 March 2020

नारी..।।

कलंक नहीं मैं नारी हूं,
सौ लोगों पर भारी हूं।।

आज़मा के देखो तुम,
मुझे ना ऐसे फेको तुम,
ज़रूरत तुम्हारी सारी हूं।
कलंक नहीं मैं नारी हूं।।

घर आँगन को मैं मेहकाऊं,
वंश तुम्हारा मैं चलाऊं,
दिन और रात की हारी हूं।
कलंक नहीं मैं नारी हूं।।

क्यों बोझ मान के पालोगे,
क्यों पेट में ही मारोगे,
क्यों मैं एक बेचारी हूं।
कलंक नहीं मैं नारी हूं।।

एक मां, बेटी और बहु बनी,
लक्ष्मी के रुप में रही धनी,
फिर भी दुनियां की मारी हूं।
कलंक नहीं मैं नारी हूं।
सौ लोगों पर भारी हूं।।..

Saturday, 7 March 2020

सफर...।।

सफर,
जो बचपन से चला।
सफर,
जो अंगुली पकड़कर मिला।।
सफर,
जिसने बड़ा किया।
सफर,
जिसने खड़ा किया।।
सफर,
जो हाथ से सिर पर आया।
सफर,
जो बना मेरा साया।।
सफर,
जो मंजिल तक जाए।
सफर,
जो राहें खुद बनाये।।

एक सफर है जीवन का,
एक इरादा भी मन का।
जब दुनिया पीछे रह जाए,
सफर ये पूरा हो जाए।।

Thursday, 5 March 2020

स्कूल के वो दिन....!!

बड़े याद आते है,
स्कूल के वो दिन।।
बचपन का एहसास कराते है,
स्कूल के वो दिन।।

याद आती है वो सुबह की पुकार,
दोस्त आते थे घर के बाहर,
तैयार होने में हम रहते लीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।

वो देर से स्कूल जाना,
वो चौकीदार को पटाना,
घंटी लगते ही भाग जाना,
वो प्रार्थना से छुप जाना,
गैंग में रहते थे हम तीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।

क्लास शुरू और भागे हम,
टीचर आते ही जागे हम,
नहीं किसी से माने हम,
हाथ ना किसी के आने हम,
हर एक मिनिट को रहते गिन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।

लंच होते ही झपटते थे,
एक दूसरे से निपटते थे,
किसी का हाथ, किसी का पैर,
हम ऐसे ही झगड़ते थे,
दूसरों के थे खाए टिफिन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।

बजी घंटियां थैला उठाया,
हाथो से है हाथ मिलाया,
उठकर क्लास से निकले हम,
स्कूल में है शोर मचाया,
तरह तरह के करते सीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।

यादें है अब यार नहीं,
स्कूल वाला  वो प्यार नहीं,
काम में रहते है सब गुम,
जुड़ा किसी का तार नहीं,
साथ रहना था बनके तीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।..



Wednesday, 4 March 2020

पल भर का वक्त बीता मेरे साथ...

ज़िन्दगी ज्यादा बड़ी नहीं,
घड़ी कहीं भी खड़ी नहीं।
हाथों में ले ले मेरा हाथ,
पल भर का वक्त बीता मेरे साथ।।

दोस्त मेरे तू दूर क्यों है?
पैसों के नशे में चूर क्यों है?
चैन की सांस ले मेरे पास,
पल भर का वक्त बीता मेरे साथ।।

सुन लेना मेरी शिकायतें,
कर देना इतनी इनायतें।
रुक ना पाए तेरी याद,
आ थोड़ा वक्त बीता मेरे साथ।
पल भर का वक्त बीता मेरे साथ।।।...

Tuesday, 3 March 2020

मुलाकात 🤝

एक मुलाकात हो
मेरे खुदा तुझसे,
थोड़ी कुछ बात हो,
मेरे खुदा तुझसे।
सारी शिकायते सुने तू मेरी,
इतनी सी अरदास हो,
मेरे खुदा तुझसे।।

कितनी बैचेन हूं मै,
मिल के तुझे बताऊं,
बदहाल हूं मैं कैसी,
आ के वहां दिखाऊं।।

बस एक मुलाकात ऐसी हो,
सारा गम तुझे सनाऊं,
वो मुलाकात ऐसी हो,
सारा जहां तुझे दिखाऊ।।

तरस ना खाना हम पे तू,
ये बात तुझे बताऊं,
इंसा तेरा बिगड़ गया,
मिल के तुझे दिखाऊं।।


एक मुलाकात हो
मेरे खुदा तुझसे,
थोड़ी कुछ बात हो,
मेरे खुदा तुझसे।
सारी शिकायते सुने तू मेरी,
इतनी सी अरदास हो,
मेरे खुदा तुझसे

Monday, 2 March 2020

बीत गई है कल की बात।।

लो हो गया एक नया सवेरा,
ढल गई अंधियारी रात।
कल का दिन तो निकाल गया,
बीत गई है कल की बात।।

आख खुली लो आ गई चाय,
जो पहले उठे वो पहले पाये।
आई नए से दिन की सौगात
बीत गई है कल की बात।।

कोयल नई है, राग नई,
सपनो में है आग नई,
होगी खुशियों की बरसात,
बीत गई है कल की बात।।

चलो उठो अब चलना है,
फिर से दिन ये ढ़लना है,
आजाएगी फिर एक रात,
बीत गई है कल की बात।।
बीत गई है कल की बात।।

यादें...।।

आज आ ही गई तेरी याद,
जो ना कभी आई थी।
भीड़ में थी हमेशा,
मगर एक तन्हाई थी।।

यादें जो यादगार थी,
बातें जो इकरार थी,
इनमें थी नोक झोंक ,
तो कभी टकरार थी।

बहुत आई गई यादें,
अब तुझसे मिलने की आस है,
तू दूर है इतना फिर भी,
तेरे पास होने का एहसास है।।

तुम आओगे मुझे मिलने,
इंतज़ार रहेगा तुम्हारा,
लग जाना गले से मेरे,
साथ होगा ज़माना हमारा।।

पहले जैसे हो जाओ ना

घेरने लगीं हैं जिम्मेदारियां तुम्हें,न चाहते हुए भी बदलने लगे हो सुनो तुम फिर से पहले जैसे हो जाओ ना  मेरे कुछ घंटों का इंतजार दिनों से हफ्त...