Thursday, 12 March 2020

इंतज़ार

तेरा हर रोज़ इंतज़ार है,
तुझसे ज़िन्दगी गुलज़ार है।
आशिक़ नहीं है ये मेरा,
ये मेरे ख्वाबों की बहार है।।

ऐसा है एक देखा सपना,
नया जहां हो मेरा अपना।
मेरी अपनी ही सरकार है
इस ख्वाब का इंतज़ार है।।

होगा सपना सच एक दिन,
दिन तो हम भी रहे है गिन।
फिर भी मन बेकरार है,
बस उस दिन का ही इंतजार है।।


No comments:

Post a Comment

पहले जैसे हो जाओ ना

घेरने लगीं हैं जिम्मेदारियां तुम्हें,न चाहते हुए भी बदलने लगे हो सुनो तुम फिर से पहले जैसे हो जाओ ना  मेरे कुछ घंटों का इंतजार दिनों से हफ्त...