बड़े याद आते है,
स्कूल के वो दिन।।
बचपन का एहसास कराते है,
स्कूल के वो दिन।।
याद आती है वो सुबह की पुकार,
दोस्त आते थे घर के बाहर,
तैयार होने में हम रहते लीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
वो देर से स्कूल जाना,
वो चौकीदार को पटाना,
घंटी लगते ही भाग जाना,
वो प्रार्थना से छुप जाना,
गैंग में रहते थे हम तीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
क्लास शुरू और भागे हम,
टीचर आते ही जागे हम,
नहीं किसी से माने हम,
हाथ ना किसी के आने हम,
हर एक मिनिट को रहते गिन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
लंच होते ही झपटते थे,
एक दूसरे से निपटते थे,
किसी का हाथ, किसी का पैर,
हम ऐसे ही झगड़ते थे,
दूसरों के थे खाए टिफिन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
बजी घंटियां थैला उठाया,
हाथो से है हाथ मिलाया,
उठकर क्लास से निकले हम,
स्कूल में है शोर मचाया,
तरह तरह के करते सीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
यादें है अब यार नहीं,
स्कूल वाला वो प्यार नहीं,
काम में रहते है सब गुम,
जुड़ा किसी का तार नहीं,
साथ रहना था बनके तीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।..
स्कूल के वो दिन।।
बचपन का एहसास कराते है,
स्कूल के वो दिन।।
याद आती है वो सुबह की पुकार,
दोस्त आते थे घर के बाहर,
तैयार होने में हम रहते लीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
वो देर से स्कूल जाना,
वो चौकीदार को पटाना,
घंटी लगते ही भाग जाना,
वो प्रार्थना से छुप जाना,
गैंग में रहते थे हम तीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
क्लास शुरू और भागे हम,
टीचर आते ही जागे हम,
नहीं किसी से माने हम,
हाथ ना किसी के आने हम,
हर एक मिनिट को रहते गिन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
लंच होते ही झपटते थे,
एक दूसरे से निपटते थे,
किसी का हाथ, किसी का पैर,
हम ऐसे ही झगड़ते थे,
दूसरों के थे खाए टिफिन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
बजी घंटियां थैला उठाया,
हाथो से है हाथ मिलाया,
उठकर क्लास से निकले हम,
स्कूल में है शोर मचाया,
तरह तरह के करते सीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
यादें है अब यार नहीं,
स्कूल वाला वो प्यार नहीं,
काम में रहते है सब गुम,
जुड़ा किसी का तार नहीं,
साथ रहना था बनके तीन,
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।
ऐसे थे स्कूल के वो दिन।।..
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