Monday, 2 March 2020

बीत गई है कल की बात।।

लो हो गया एक नया सवेरा,
ढल गई अंधियारी रात।
कल का दिन तो निकाल गया,
बीत गई है कल की बात।।

आख खुली लो आ गई चाय,
जो पहले उठे वो पहले पाये।
आई नए से दिन की सौगात
बीत गई है कल की बात।।

कोयल नई है, राग नई,
सपनो में है आग नई,
होगी खुशियों की बरसात,
बीत गई है कल की बात।।

चलो उठो अब चलना है,
फिर से दिन ये ढ़लना है,
आजाएगी फिर एक रात,
बीत गई है कल की बात।।
बीत गई है कल की बात।।

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