Monday, 2 March 2020

यादें...।।

आज आ ही गई तेरी याद,
जो ना कभी आई थी।
भीड़ में थी हमेशा,
मगर एक तन्हाई थी।।

यादें जो यादगार थी,
बातें जो इकरार थी,
इनमें थी नोक झोंक ,
तो कभी टकरार थी।

बहुत आई गई यादें,
अब तुझसे मिलने की आस है,
तू दूर है इतना फिर भी,
तेरे पास होने का एहसास है।।

तुम आओगे मुझे मिलने,
इंतज़ार रहेगा तुम्हारा,
लग जाना गले से मेरे,
साथ होगा ज़माना हमारा।।

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